Gitapress Dialogue with the Lord During Meditation
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Gitapress Dialogue with the Lord During Meditation "ध्यान के दौरान प्रभु से वार्तालाप" (कोड-६९४) गीता प्रेस की एक पुस्तक है जिसमें श्रीप्रेमभक्ति, प्रकाश और ध्यान की गहरी अवस्थाओं में प्रभु के साथ वार्तालाप का विवेचन किया गया है।
इस पुस्तक में ब्रह्मलीन परम श्रद्धेय श्री जयदयालजी गोयन्दका द्वारा एक प्रभावशाली विवेचन प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक ध्यान के साधना में अनुभवित गहरे विचारों का संग्रह है और प्रभु से संवाद करने की अद्वितीय अनुभवों को साझा करता है।
इस पुस्तक में प्रभु से वार्तालाप करने के माध्यम से आध्यात्मिक आनंद, प्रेरणा और भक्ति की गहराई को अनुभव किया जाता है। यह पाठकों को ध्यान और ध्यान साधना में सहायता करने के साथ-साथ उनके आध्यात्मिक यात्रा में आनंद और प्रासाद प्रदान करता है।
"ध्यान के दौरान प्रभु से वार्तालाप" में प्रभु के साथ जो संवाद है, वह विभिन्न ध्यान अवस्थाओं में प्राप्त होने वाले मननीय विचारों का प्रतिबिंबित करता है। यह पुस्तक आध्यात्मिक साधना में अग्रसर लोगों के लिए अत्यंत मूल्यवान है, जो अपने ध्यान को आगे बढ़ाने और आध्यात्मिक अनुभवों को गहराई देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
यह पुस्तक आध्यात्मिक यात्री, साधक, और मननीय विचारों के प्रेमी के लिए एक महत्वपूर्ण संग्रह है जो उन्हें आत्मानुभव, शांति, और संयम की प्राप्ति में मदद करेगा। इस पुस्तक का पाठन अद्यतन और साधारण जीवन को आध्यान और आध्यात्मिकता के माध्यम से गहरा अवगमन करने के लिए इस पुस्तक का समय निकालना उपयुक्त होगा। "ध्यान के दौरान प्रभु से वार्तालाप" आपकी मनोदशा को सुधारेगी, आपकी आध्यात्मिक प्रक्रिया को समृद्ध करेगी और आपको अपने स्वयं के भीतर गहरी सम्प्रेम प्राप्त करने में मदद करेगी।
इस पुस्तक में विभिन्न ध्यान अवस्थाओं के दौरान श्रीजयदयालजी गोयन्दका द्वारा व्यक्त किए गए विचार, संदेश और सुझावों का संग्रह है। यह आपको ध्यान अवस्था में आनंद, शांति और प्रभु के साथ आपसी संवाद का अनुभव कराएगा।
Gitapress Dialogue with the Lord During Meditation
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