Gitapress Bhagwan Surya Chitrakar (Code-868)
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Gitapress Bhagwan Surya Chitrakar (Code-868) :- "गीता प्रेस" की पुस्तक "भगवान सूर्य चित्रकार" (कोड-868) भारत में सूर्योपासना का अत्यंत प्राचीन इतिहास है। भगवान सूर्य देव, गणेश, शिव, शक्ति, विष्णु आदि पुराण-प्रसिद्ध देवताओं में अन्यतम हैं। पुराणों में द्वादश आदित्यों के रूप में भगवान सूर्य के बारह स्वरूपों की सुन्दर चर्चा है।
इस पुस्तक में मासादित्यों के रूप में भगवान सूर्य के बारह स्वरूपों के अलग-अलग ध्यान, परिचय, लीला कथा तथा व्रतादिका को सरल भाषा में सुंदर चित्रण किया गया है। प्रत्येक मासादित्य-परिचय के बायें पृष्ठ पर शास्त्रीय नियमों के अनुसार बनवाए गए उनके उपासना योग्य आकर्षक चित्र भी दिए गए हैं।
भारतमें सूर्योपासनाका इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। गणेश, शिव, शक्ति, विष्णुआदिपुराण-प्रसिद्ध देवताओंमें भगवान्सूर्य देव अन्यतम हैं। पुराणोंमें द्वादशमा सादित्योंके रूपमें भगवान्सूर्यके बारह स्वरूपोंकी सुन्दर चर्चा है। इस पुस्तकमें मासादित्योंके रूपमें भगवान्सूर्यके बारह स्वरूपोंके अलग-अलग ध्यान, परिचय, लीला कथा तथा व्रतादिका सरल भाषामें सुन्दर चित्रण किया गया है। प्रत्येक मासादित्य-परिचयके बायें पृष्ठ पर सुन्दर आर्टपेपर पर शास्त्रीय नियमोंके अनुसार बनवाये गये उनके उपासना योग्य आकर्षक चित्र भी दिये गये हैं। पुस्तक के अन्तमें सूर्य स्तोत्र भी संगृहीत है।
पुस्तक के अंत में सूर्य स्तोत्र भी संगृहीत है, जो सूर्य देव की उपासना करने वालों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। इस पुस्तक में सूर्य देव के महत्वपूर्ण व्रतों और उनकी कथाएं विस्तारपूर्वक वर्णित की गई हैं।
भगवान सूर्य के अनुष्ठान से मनुष्य को शक्ति, स्वास्थ्य, समृद्धि और आनंद की प्राप्ति होती है। इस पुस्तक का पाठ करके पाठक सूर्य देव की उपासना में रम जाएंगे और अपने जीवन को समृद्ध, सुखी और समर्थ बना सकते हैं। भारतीय संस्कृति में सूर्य को प्राकृतिक ऊर्जा और जीवन का प्रमुख स्रोत माना जाता है, और यह पुस्तक उन्हीं आदर्शों का सुंदर परिचय करती है।
Gitapress Bhagwan Surya Chitrakar (Code-868)
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